क़ज़ा नमाज़े अदा करने का तरीका


💎क़ज़ाए उमरी अदा करने का तरीका💎*
                *पोस्ट नम्बर-::1⃣*
*अदा, क़ज़ा, और वाजिबुल इआदा की तारीफ*
✨जिस चीज़ का बन्दों को हुक्म है उसे वक़्त में बजा लाने को *"अदा"* कहते है ! और वक़्त ख़त्म होने के बाद अमल में लाने जो *"क़ज़ा"* कहते है !
*📚(दुर्रे मुख़्तार)*
✨अगर हुक्म के बज़ा लाने में कोई खराबी पैदा हो जाये तो उस खराबी को दूर करने के लिए वह अमल दोबारा बज़ा लाना *"इआदा"* कहलाता है !
*📚(दुर्रे मुख़्तार)*


★★★

💎क़ज़ाए उमरी अदा करने का तरीका💎*
                *पोस्ट नम्बर-::2⃣*
*उम्र भर की क़ज़ा का हिसाब*
👤जिसने कभी नमाज़े ही नही पढ़ी हों और अब तौफ़िक हुई और क़ज़ाए उमरी पढ़ना चाहता है वोह जब से बालिग़ हुआ है उस वक़्त से नमाज़ों का हिसाब लगाये और तारीख़े बुलूग भी नही मालूम तो एहतियात इसी में है की *औरत 9 साल* उम्र से और *मर्द 12 साल* की उम्र से नमाज़ों का हिसाब लगाये !
*📚(फ़तवा रज़विया, जिल्द 8, सफा 154)*
*➡नोट::-* इसी उम्र से औऱत को हैज़(M•C•) और मर्द को एहतलाम(Night Faal) होता है !
*क़ज़ा अदा करने में तरतीब*
💎क़ज़ाए उमरी में यूं भी कर सकते है कि पहले तमाम फर्जें अदा कर लें फिर तमाम जोहर की नमाज़ इसी तरह अस्र, मग़रिब और इशा !
*📚(फतवा क़ाज़ी ख़ान मअ आलमगिरी जिल्द 1, सफा 109)*
〰➖〰➖〰➖〰➖〰
★★★

💎क़ज़ाए उमरी अदा करने का तरीका💎*
                *पोस्ट नम्बर-::3⃣*
*जल्द से जल्द क़ज़ा पूरी कर लिजिये*
💎जिस के जिम्मे क़ज़ा नमाज़ों हो उन का जल्दी से जल्दी पढ़ना वाजिब है ! मगर बाल बच्चों की परवारिश और अपनी जरूरियात की फराहमी के सबब ताख़ीर जाइज़ है ! लिहाज़ा कारोबार भी करते रहें और फुरसत का वक़्त जो मिले उस में क़ज़ा पढ़ता रहे की यहाँ तक कि पूरी हो जाये !
*📚[दुर्रे मुख़्तार]*

*छुप कर क़ज़ा अदा कीजिये*
💎क़ज़ा नमाज़ें छुप कर पढ़ें लोगों पर इसका इज़हार न करें ! यानि की यह मत कहा कीजिये की मेरी आज फ़ज्र कज़ा हो गयी या मै क़ज़ाए उमरी कर रहा हूँ ! गुनाह का इज़हार भी मकरूह ए तहरिमी है !
*📚(रद्दल मुहतार)*
*➡जारी.....*
★★★

💎क़ज़ाए उमरी अदा करने का तरीका💎*
                *पोस्ट नम्बर-::4⃣*
*क़ज़ाए उमरी का तरीका [ह-नफ़ी]*
💠क़ज़ा हर रोज 20 रकअत होती है ! 2 फ़र्ज़ फ़जर के, 4 जोहर के, 4 असर के, 3 मग़रिब के, 4 इशा के, 3 वित्र के ! निय्यत इस तरह करें मसलन *"सब से पहली फ़ज्र जो मुझ से क़ज़ा हुई उस को अदा करता हूँ"* हर नमाज़ में इसी तरह निय्यत कीजिये !
1⃣जिस पर बकसरत क़ज़ा नमाज़ें है वोह आसानी के लिए यूँ अदा करे तो जाइज़ है कि हर रुकुओर सजदे में 3-3 बार सुभान-रबियल-आ'ला, सुभान-रबियल-अ'ज़ीम की जगह सिर्फ एक बार कहे ! मगर यह हमेशा और हर तरह की नमाज़ में याद रखना चाहिए की जब रूकू में पूरा पहुँच जाये उस वक़्त *"सुभान" की "सीन"* शुरू करे और जब *"अज़ीम" का "मीम"* खत्म कर चुके उस वक्त रूकू से सर उठाये ! इसी तरह सजदे में करे !
2⃣एक तख़फ़ीफ़ तो यह हुई और दूसरी यह की फर्ज़ो की तीसरी और चौथी रकात में *सूरह फ़ातेहा(अल हम्द शरीफ़)* की जगह फ़क़त *"सुभानअल्लाह"* 3 बार कह कर रूकू कर लें ! मगर वित्र की तीनों रकअत में अलहम्द शरीफ़ और सूरत दोनों पढ़ी जाये !
3⃣तीसरी तख़फ़ीफ़ यह की कदा ए आख़िरह में तशहूद यानि अत्तहियात के बाद दोनों दरूदो और दुआ की जगह सिर्फ *"अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मदींव वआलेही"* कह क्र सलाम फेर लें !
4⃣चौथी तखफ़िफ़ यह की वित्र की तीसरी रकअत में दुआए क़ुनूत की जगह अल्लाहो अकबर कह कर फ़क़त एक बार या तीन बार *"रब्बिग-फिरलि"* कहें !
*📚[फ़तवा रज़विया,जिल्द 8,सफा 157]*
*➡जारी.....*
★★★
💎क़ज़ाए उमरी अदा करने का तरीका💎*
                *पोस्ट नम्बर-::5⃣*
*नवाफ़िल की जगह क़ज़ाए उमरी पढ़िए*
✨क़ज़ा नमाज़ें नवाफ़िल से अहम है यनी जिस वक़्त नफ्ल पड़ता है उन्हें छोड़ कर उनके बदले क़ज़ाए पढ़ें की बरीय्युज़ीमा हो जाये अलबत्ता तरावीह और 12 रकते सुन्नते मुअक़्क़दा न छोड़े !
*📚[रद्दल मुहतार]*
*नमाज़ें कस्र की क़ज़ा*
🚗अगर हालते सफर की क़ज़ा नमाज़ हालते इक़मत में पढ़ेंगे तो कस्र ही पढ़ेंगे और हालते इक़ामत की क़ज़ा नमाज़ सफ़र में क़ज़ा करेंगे तो पूरी पढ़ेंगे यानि कस्र नही करेंगे
*[रद्दल मुहतार]*
*➡जारी.....*
★★★

💎क़ज़ाए उमरी अदा करने का तरीका💎*
                *पोस्ट नम्बर-::6⃣*
                   *आखरी पोस्ट*
*क़ज़ा का लफ्ज़ कहना भूल गया तो?*
💐आला हज़रत इमामे अहले सुन्नत मौलाना शाह अहमद रज़ा ख़ान अलैहिरह्मां फ़रमाते की हमारे उलमा तशरीह फ़रमाते है: क़ज़ा ब निय्यते अदा व निय्यते क़ज़ा दोनों सहिह है !
*📚[फ़तवा रज़विया, जिल्द 8, सफा 162]*
*➡उन्वान ख़त्म•

Popular posts from this blog

⭐हजरत इमाम हसन और इमाम हुसैन (रजी अल्लाहु अन्हुम और जन्नत का सेब🍎

📜❌"देवबंदी" से मसला पूछना हराम?

*▶गिरगिट या छिपकली को मारना*